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लिए करेंट अफेयर्स (Current Affairs For Banking Exams)
01 नवम्बर, 2013
मेमने' बांग्लादेश ने कीवी टीम से जीती सीरीज
- क्रिकेट में 'मेमना' कही जाने वाली बांग्लादेश ने एक बार फिर अपना दमखम
दिखाया और ऐतिहासिक वनडे सीरीज जीत ली है।
- बांग्लादेश ने तीन मैचों की वनडे सीरीज के दूसरे मैच में न्यूजीलैंड को 40
रनों से हराकर सीरीज में अजेय बढ़त बना ली है। बांग्लादेश ने न्यूजीलैंड को
दूसरी बार वनडे सीरीज में हराया है। इससे पहले 2010-11 में भी बांग्ला टीम ने
न्यूजीलैंड को पांच मैचों की सीरीज में 4-0 से हराया था।
- मीरपुर में खेले गए दूसरे वनडे मुकाबले में मशरफे मुर्तजा और सोहाग गाजी ने
तीन-तीन विकेट झटककर बांग्लादेश को यह जीत दिलाई।
- न्यूजीलैंड की तरफ से रोस टेलर ने सर्वाधिक 45 जबकि बांग्लादेश की ओपनर से
तमीम इकबाल ने 58 रन की सबसे बड़ी पारी खेली।
फिर चमके सोहाग गाजी
- मेजबान टीम की इस जीत में 22 वर्षीय स्पिनर सोहाग गाजी का हरफनमौला
प्रदर्शन का अहम रोल रहा। पहले उन्होंने 24 गेंदों में 26 रनों की पारी खेली।
इसके बाद कसी हुई गेंदबाजी करते हुए 34 रन देकर तीन विकेट भी झटके।
- यह वही गाजी हैं जिन्होंने इसी दौरे में न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट
मैच में अनोखा 'डबल' बनाया था। वह ऐसे पहले टेस्ट क्रिकेटर हैं जिन्होंने एक ही
मैच में शतक और हैट्रिक जमाने का कारनामा किया है।
सिंतबर में काबू में रहा फिस्कल डेफिसिट
- रेवेन्यू में तेजी से सरकार सितंबर में फिस्कल डेफिसिट अगस्त के लेवल के
आसपास ही रखने में सफल रही।
- इससे पूरे फिस्कल ईयर का टारगेट हासिल होने की उम्मीद बढ़ गई है। फिस्कल
डेफिसिट से जुड़े आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर के आखिर यानी 2013-14 की पहली
छमाही में फिस्कल डेफिसिट बजटीय राशि का 76 फीसदी रहा।
- अगस्त में यह इससे कुछ कम यानी 74.6 फीसदी था। पिछले साल इस समय यह 65.6
फीसदी था।
- पी चिदंबरम कई बार यह चुके हैं कि करेंट फिस्कल ईयर में फिस्कल डेफिसिट का
टारगेट पूरा किया जाएगा।
- इस साल फिस्कल डेफिसिट को जीडीपी के 4.8 फीसदी तक रखने का लक्ष्य है।
सितंबर के आंकड़ों से फाइनेंस मिनिस्टर के दावे में दम नजर आता है। टैक्स
रेवेन्यू बढ़ रहा है और इकनॉमी के रफ्तार पकड़ने के कुछ संकेत मिल रहे हैं।
- इकनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी अरविंद मायाराम ने बताया, 'हम फिस्कल डेफिसिट का
टारगेट पूरा करेंगे।' सितंबर के आखिर में टोटल रेवेन्यू बजटीय राशि का 36.9
फीसदी रहा, जो पिछले साल के इसी पीरियड 37.5 फीसदी के करीब है। इसमें अगस्त के
मुकाबले 23.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। एक्सपेंडिचर अब तक अनुमान के मुताबिक है।
इससे चुनावी सीजन में अब तक खर्च के कंट्रोल में रहने के संकेत हैं।
समृद्धि में भारत नेपाल, बांग्लादेश से भी पीछे
- भारत भले ही विकास दर के मामले में अपने पड़ोसियों से काफी आगे हो मगर
समृद्धि के मामले यह इनसे पीछे खिसक गया है।
- सुरक्षा और संरक्षा की स्थिति खराब होने के चलते भारत इस साल विश्व समृद्धि
सूचकांक में पांच पायदान गिरकर 106 नंबर पर पहुंच गया है।
- पिछले साल इस सूचकांक में देश का 101वां स्थान था। चीन (51) और श्रीलंका
(60) जैसे पड़ोसी देश तो इससे कहीं आगे हैं।
- इस बार नेपाल (102) और बांग्लादेश (103) से भी भारत पिछड़ गया। सिर्फ
पाकिस्तान (132) से यह आगे है।
- दुनिया के 142 समृद्ध देशों के इस सूचकांक में नार्वे पांच साल से शीर्ष पर
बरकरार है। वहीं, भारत लगातार पांच साल से नीचे खिसक रहा है।
- स्विट्जरलैंड को दूसरे, कनाडा को तीसरे, स्वीडन को चौथे और न्यूजीलैंड को
पांचवें नंबर पर रखा गया है।
- समृद्धि का पैमाना मापने के लिए आठ श्रेणी बनाई गई है। इनमें शिक्षा,
स्वास्थ्य, इकोनॉमी, सुरक्षा और संरक्षा शामिल हैं।
- रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षा और संरक्षा कैटेगरी में भारत 21 पायदान घटकर
120वें नंबर पर आ गया है। संपत्तियों की चोरी, हमलों में इजाफा और रात में घर
से बाहर लोगों के घूमने जाने में असुरक्षित महसूस करने की दरों में बढ़ोतरी जैसे
कारणों से इस श्रेणी में देश का स्थान नीचे खिसका है।
- इसके अलावा व्यक्तिगत स्वतंत्रता मामले में भी यह 45 स्थान गिरकर 100वें
नंबर पर आ गया है। स्वास्थ्य श्रेणी के सूचकांक में इसका स्थान 109वां, शिक्षा
में 97वां और उद्यमिता व मौके के मामले में 104वां है। इस सूचकांक में सबसे नीचे
चाड (142) है।
एडवर्ड स्नोडेन ने तलाशी रूसी वेबसाइट में नौकरी
- अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के पूर्व ठेकेदार एडवर्ड
स्नोडेन ने रूस की एक वेबसाइट में नौकरी तलाश ली है।
- अमेरिका में जासूसी के आरोप में वांछित स्नोडेन को रूस में अस्थायी तौर पर
रहने की इजाजत दी गई है।
- उसके वकील के हवाले से गार्डियन ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
- सरकारी समाचार एजेंसी रिया के मुताबिक स्नोडेन के वकील एनाटोली कुचेरेना ने
कहा कि एडवर्ड नवंबर से अपना काम शुरू करेंगे।
- वे रूस की एक बड़ी साइट के लिए काम करेंगे। सुरक्षा कारणों से उन्होंने इस
साइट का नाम नहीं बताया है।
- अमेरिका की दुनिया भर के लोगों के टेलीफोन और इंटनेट संदेशों की गुप्त
निगरानी का खुलासा करने के कारण स्नोडेन को भागकर पहले हांगकांग और उसके बाद
रूस जाना पड़ा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के प्रत्यपर्ण
प्रस्ताव को ठुकरा दिया और स्नोडेन को शरण दे दी।
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