(Study Materials) IBPS Specialist Officer : Professional Knowledge - Rajbhasha Adhikari
Study Materials For Bank's Examinations
Professional Knowledge for Specialist Officer : राजभाषा अधिकारी
पद-परिचय
संज्ञा:
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान के नाम तथा भाव या दशा को संज्ञा कहते हैं:- जैसे-
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हिमालय पर्वतों का राजा है ।
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दशरथ अयोध्या के राजा थे ।
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गाय उत्तम पशु है ।
संज्ञा के भेद- संज्ञा के तीन भेद हैं-
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व्यक्तिवाचक संज्ञा
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जातिवाचक संज्ञा
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भाववाचक संज्ञा
सर्वनाम:
संज्ञा के बदले पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं जैसे- वह, वे, आप, तुम, उसने, हमने, मैंने आदि ।
सर्वनाम के भेद- सर्वनाम के निम्नलिखित छरू भेद हैं-
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पुरुषवाचक सर्वनाम
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निश्चयवाचक सर्वनाम
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अनिश्चयवाचक सर्वनाम
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सम्बन्धवाचक सर्वनाम
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प्रश्नवाचक सर्वनाम
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निजवाचक सर्वनाम
क्रिया:
जिन शब्दों से कार्य का होना या किया जाना पाया जाए, वंे शब्द या अंश क्रिया कहलाते हैंय जैसे-घोड़ा दौड़ रहा है ।
क्रिया के भेद
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(क) कर्म के आधार पर
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(ख) प्रयोग के आधार पर
विशेषण:
वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता अर्थात् उनके गुण, दोष, संख्या या मात्रा आदि बताते हैं, विशेषण कहलाते हैं। यथा-दूध में थोड़ी-सी चीनी डाल दो ।
विशेषण के भेद
विशेषण के चार भेद हैं-
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गुणवाचक विशेषण
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परिमाणवाचक विशेषण
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संख्याबोधक विशेषण
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संकेतवाचक विशेषण
अव्यय:
दो संज्ञा शब्दों के मध्य वाक्य रचना में सम्बन्ध जोड़ने को अव्यय कहते हैं, यथा- सीता के साथ राम वन गए थे ।
अव्यय के भेद
अव्यय के प्रमुख तीन भेद हैं-
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सम्बन्धबोधक अव्यय
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विस्मयादिबोधक अव्यय
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समुच्चयबोधक अव्यय
उपसर्ग:
वे शब्द/शब्दांश/अक्षर जो किसी शब्द के प्रारम्भ में जुड़कर उस शब्द के अर्थ की विशेषताानवीन अर्थ देते हैं, उपसर्ग, कहलाते हैं।
प्रत्यय:
जो शब्दाशब्दांश शब्द के अन्त में जुड़कर शब्द को नया रूप प्रदान करता है तथा अर्थ में नवीनता,विशेषता पैदा करता है, उसे प्रत्यय कहते हैंः जैसे- पढ़ना $ आका = पढ़ाका
प्रत्यय प्रकार- प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं । ये हैं कृत तथा तद्धितः
लिंग-वचन
लिंग :
शब्द के जिस रूप से उसकी जाति (नर, मादा ) का बोध होता है उसे लिंग कहते हैं।
हिन्दी में लिंग दो प्रकार के होते हैं- पुल्लिंग और स्त्रीलिंग ।
शब्दों के जिस रूप में उनके ‘नरत्व’ (पुरुषत्व ) का बोध होता है उसे ‘पुल्लिंग’ तथा शब्दों के जिस रूप से उसके ‘स्त्रीत्व’ का बोध होता है, उसे ‘स्त्रीलिंग’ कहते हैं । जैसे- पुल्लिंग शब्द- लड़का, बैल, पेड़, नगर आदि
स्त्रीलिंग शब्द- गाय, लड़की, लता, नदी आदि ।
वचन:
शब्द के जिस रूप में संख्या (एक अथवा अनेक) का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं । हिन्दी वचन के दो भेद होते हैं-एकवचन, बहुवचन ।
कारक
संज्ञा अथवा सर्वनाम का वह रूप, जो अपना सम्बन्ध वाक्य में किसी अन्य पद के साथ प्रकाशित करे, कारक कहलाता है। क्रिया के साथ जिसका सीधा सम्बन्ध हो, उसे कारक कहते है।
सन्धि
सन्धि का अर्थ है- मेल। दो वर्णो के निकट आने से उनमें जो विकार उत्पन्न होता है, उसे सन्धि कहते हैं।
समास
‘समास’ का अर्थ है- संक्षेपय दो या दो से अधिक शब्दों या पदों को संक्षिप्त कर मिलाने की प्रक्रिया ‘समास’ कहलाती है।
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अव्ययीभाव
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कर्मधारय
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तत्पुरूष
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कर्म तत्पुरूष
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करण तत्पुरूष
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सम्प्रदान तत्पुरूष
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अपादान तत्पुरूष
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सम्बन्ध तत्पुरूष
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अधिकरण तत्पुरूष
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द्वन्द्व समास
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द्विगु समास
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बहुब्रीहि समास