(Tips) बीमा संग्राहक के बारे में अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न - FAQ for Insurance Collector

बीमा संग्राहक के बारे में अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न- वित्‍त

1. बीमा संग्राहक क्‍या है ?

''बीमा संग्राहक से तात्‍पर्य है एक कंपनी जिसे कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) के तहत जटिल और पंजीकृत किया गया है और जिसे बीमा कर्ता की ओर से इलेक्ट्रिक फॉर्म में बीमा पॉलिसी के आंकड़े का रख-रखाव करने के लिए बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) द्वारा पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। बीमा संग्राहक इलेक्ट्रिक फॉर्म में जारी की गई बीमा पॉलिसी का रखना आसान करता है।

2. बीमा संग्राहक का उद्देश्‍य क्‍या है ?

बीमा संग्राहक का उद्देश्‍य बीमा पॉलिसी को इलेक्ट्रिक फॉर्म में रखने की पॉलिसी धारक को सुविधा मुहैया कराता है तथा इससे बीमा पॉलिसी में सही और गति से परिवर्तन, आशोधन, एवं परिवर्धन किया जा सकता है। इसके अलावा, संग्राहक कई पॉलिसी सेवा अपेक्षाओं के लिए एकल रोक के रूप में कार्य करता है। बीमा संग्राहक पद्धति से बीमा पॉलिसी को जारी करने तथा इसका रख-रखाव करने में कार्य-कुशलता तथा पारदर्शिता भी दिखाई देती है।

3. क्‍या कोई व्‍यक्ति/ फर्म बीमा संग्राहक के रूप में कार्य कर सकते हैं?

नहीं, कोई संस्‍थान जिसे कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया है तथा जिसे बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है, बीमा संग्राहक के रूप में कार्य कर सकता है।

4. क्‍या बीमा संग्राहक बीमा पॉलिसी का विक्रय/मांग कर सकता है?

नहीं, बीमा संग्राहक बीमा पॉलिसी की बिक्री/मांग नहीं कर सकते। उन्‍हें केवल पॉलिसी को इलेक्ट्रिक फॉर्म में रख-रखाव करने के लिए तथा सभी बीमा पॉलिसी का सर्विस रिकॉर्ड मुहैया कराने के लिए प्राधिकृत किया गया है।

5. ई-बीमा खाता क्‍या है?

बीमा खाता से तात्‍पर्य है ई-बीमा खाता या ''इलेक्‍ट्रोनिक बीमा खाता '' जो पॉलिसीधारक के बीमा पॉलिसी के दस्‍तावेजों की सुरक्षा इलेक्‍ट्रोनिक फॉर्मेट में करेगा। यह ई-बीमा खाता पॉलिसीधारक को इंटरनेट के माध्‍यम से बटन के क्लिक करने पर बीमा पोर्टफोलियो तक पहुंच को सरल बनाता है। ईरडा ने निम्‍नलिखित पाँच संस्‍थाओं को बीमा संग्राहक के रूप में कार्य करने के लिए पंजीकरण का प्रमाण-पत्र प्रदान किया है। इन्‍हें ई-बीमा खाता खोलने के लिए प्राधिकृत किया गया है।

  • मैसर्स एनएसडीएल डाटाबेस मैनेजमेंट लिमिटेड
  • मैसर्स सेन्‍ट्रल इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी लिमिटेड
  • मैसर्स एसएचसीआईएल प्रोजेक्‍ट लिमिटेड
  • मैसर्स कार्वी इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी लिमिटेड
  • मैसर्स सीएएमएस रिपोजिटरी सर्विस लिमिटेड

प्रत्‍येक ई-बीमा खाते का यूनिक खाता नम्‍बर होगा एवं प्रत्‍येक खाताधारक को यूनिक लॉगिन आईडी तथा पासवर्ड दिया जाएगा, जिससे कि वह इलेक्‍ट्रोनिक पॉलिसी तक ऑनलाइन पहुंच बना सके।

6. क्‍या मुझे ई-बीमा खाता खोलने के लिए समय-समय पर कुछ अदा करना पड़ेगा ?

नहीं, ई-बीमा खाता आवेदक को नि:शुल्‍क प्रदान किया जाता है।

7. क्‍या कोई व्‍यक्ति किसी बीमा संग्राहक के पास एक से अधिक ई-बीमा खाता खोल सकता है?

नहीं, ईरडा के मार्ग-निदेशों के अनुसार कोई व्‍यक्ति मल्‍टीपल ई-बीमा खाता नहीं खोल सकता।

8. स्‍वीकार्य व्‍यक्ति (एपी) कौन है?

स्‍वीकार्य व्‍यक्ति बिक्री का बिन्‍दु (पीओएस) है, जिसे बीमा संग्राहक द्वारा नियुक्‍त किया गया है तथा जो आईआर सेवाएं देने के लिए बीमा संग्राहक की ओर से कार्य करेगा।

9. ई-बीमा खाता आवेदन फॉर्म क्‍या है? इसे कहां से प्राप्‍त किया जा सकता है?

ई-बीमा खाता आवेदन फॉर्म को बीमा संग्राहक के पास ई-बीमा खाता खोलने के लिए व्‍यक्ति द्वारा प्रयोग किया जाता है। यह फॉर्म बीमा कंपनी, बीमा संग्राहक या स्‍वीकार्य व्‍यक्ति के पास उपलब्‍ध होगा।

10. ई-बीमा खाता खोलने के लिए कौन से अपेक्षाएं पूरी करनी होंगी?

ई-बीमा खाताधारक या पॉलिसीधारक से यह अपेक्षा की गई है कि

  • ई-बीमा खाता फॉर्म को भरे
  • बीमा संग्राहक कार्यालय या बीमा कंपनी या बीमा संग्राहक द्वारा नियुक्‍त किये गये अधिकृत स्‍वीकार्य व्‍यक्ति (एपी) को निम्‍नलिखित प्रस्‍तुत करें :

फोटो आईडी

हाल ही का पासपोर्ट आकार का फोटोग्राफ

कैंसिल किया गया चैक (बीमा प्रीमियम भुगतान के व्‍यवहार के लिए ईसीएस/एनईएफटी सेवाओं के मामले में)

पते का सबूत

11. वैध केवाईसी दस्‍तावेजों की सूची :

पहचान का सबूत (कोई एक)

  • पैन कार्ड
  • यूआईडी
  • पते का सबूत (कोई एक)
  • राशन कार्ड
  • पासपोर्ट
  • आधार कार्ड
  • वोटर आईडी
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • बैंक पासबुक (छह महीने से अधि‍क पुरानी नहीं) सत्‍यापि‍त प्रति‍यां
  • बि‍जली के बि‍ल (छह महीने से अधि‍क पुराने नहीं)
  • नि‍वास स्‍थान के टेलीफोन बि‍ल (छह महीने से अधि‍क पुराने नहीं)
  • पंजीकृत लीज़ और लाइसेंस एग्रीमेंट/ बि‍क्री के लि‍ए एग्रीमेंट
  • उच्‍च न्‍यायालय ओर उच्‍चतम न्‍यायालय के न्‍यायाधीशों द्वारा अपने खातों के बारे में नया पता देते हुए स्‍व: घोषणा
  • केंद्र/राज्‍य सरकार और इसके वि‍भाग, संवैधानि‍क/नि‍यामक प्राधि‍कारों,
  • सार्वजनि‍क वि‍त्‍तीय संस्‍थान
  • वि‍श्‍ववि‍द्यालयों से संबद्ध कॉलेज और
  • आईसीएआई, आईसीडब्‍ल्‍यूएआई, बार काउंसि‍ल जैसे पेशेवर नि‍काय द्वारा अपने सदस्‍यों को जारी कि‍ये गये पता सहि‍त पहचान पत्र/दस्‍तावेज मान्‍य होंगे।

12. क्‍या मैं अपने लि‍ए बगैर जीवन का गैर जीवन बीमा पालि‍सी के एक ई-बीमा खाता खोल सकता हूं ?

हां, एक व्‍यक्‍ति‍ बि‍ना बीमा पालि‍सी एक ई-बीमा खाता खोल सकता है। एक पालि‍सी खरीदने के बाद पालि‍सी धारक बीमा कर्ता या बीमा रि‍पोजि‍टरी अथवा अधि‍कृत व्‍यक्‍ति‍ से डीमेटरलाइजेशन का आग्रह कर सकता है।

13 . सभी प्रकार की औपचारि‍कताएं पूरी करने के बाद ई-बीमा खाता खोलने के लि‍ए कि‍तने दि‍न लग जाते हैं ?

पूरी औपचारि‍कताओं के साथ आवेदन सौंपने की तारी‍ख से सात दि‍न के भीतर एक ई-बीमा खाता खोला जायेगा।

एक बार खाता खुलने के बाद एक वेलकम कि‍ट आवेदन कर्ता व ई-बीमा खाता धारक को भेजी जायेगी जि‍समें इसके परि‍चालन का पूर्ण वि‍वरण दि‍या होगा।

14. मुझे कैसे पता लगेगा कि‍ मेरा ई-बीमा खाता खुल गया और मुझे कैसे मेरा यूजर आईडी और पासवर्ड मि‍लेगा ?

एक बार ई-बीमा खाता का सृजन हो गया तो आपको एक वेलकम कि‍ट मि‍लेगी। एक पिन मेलर को अलग से भेजा जायेगा। लॉग इन परि‍चय और पि‍न का प्रयोग करते हुए आप ई-बीमा खाता तक पहुंच कर उसका उपयोग कर सकते हैं।

15. क्‍या मैं अपनी मौजूदा कागजी पॉलि‍सि‍येां को इलैक्‍ट्रॉनि‍क पॉलि‍सि‍यों में परि‍वर्ति‍त कर सकता हूं ?

हां, मौजूदा कागजी पॉलि‍सि‍यों को इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप में परि‍वर्ति‍त कर सकते हैं। इसके बारे में बीमा रि‍पोजि‍टरी या बीमाकर्ता अथवा अधि‍कृत व्‍यक्‍ति‍ से आग्रह कर सकते हैं।

16. यदि‍ पहले से ही मेरा एक ई-बीमा खाता है तो कि‍स तरह इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप से एक नई पॉलि‍सी खरीद सकता हूं ?

इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप से एक नई पॉलि‍सी खरीदने के लि‍ए आपने एक बार ई-बीमा खाता खोल दि‍या तो आपको नये बीमा प्रस्‍ताव के फॉर्म में अपना यूनि‍क ई-बीमा खाता संख्‍या का हवाला देने की जरूरत है और एक इलैक्‍ट्रॉनि‍क पॉलि‍सी जारी करने का आग्रह करें।

17. वह कौन सी बीमा पॉलि‍सि‍यां हैं जि‍न्‍हें इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप से रखा जा सकता है ?

आई आर डी ए (इरडा) के यहां पंजीकृत और बीमा रि‍पोजि‍टारि‍यों के साथ हस्‍ताक्षरि‍त बीमा कंपनि‍यों द्वारा जारी सभी जीवन बीमा, स्‍वास्‍थ्‍य बीमा, साधारण बीमा और वार्षिक पॉलि‍सि‍यों को इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप से रखने के पात्र है।

18. मुझे कैसे पता लगेगा कि‍ मेरी पॉलि‍सी सफलतापूर्वक मेरे ई-बीमा खाते में जमा हो गई है ?

आपको आपके पंजीकृत ई-मेल आईडी और मोबाइल पर एक मेल और एसएमएस प्राप्‍त होगा।

19. इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप से पॉलि‍सि‍यों को रखने के लि‍ए शुल्‍क क्‍या है ?

बीमा रि‍पोजि‍टरीज द्वारा प्रदान की गई सभी सेवाएं नि‍:शुल्‍क है।

20. बीमा पॉलि‍सि‍यों को इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप से रखने के क्‍या फायदे हैं ?

इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप से बीमा पॉलि‍सि‍यों को रखने के नि‍म्‍नलि‍खि‍त व्‍यापक लाभ है

सुरक्षा: पॉलि‍सी‍ के क्षति‍ या खोने का जोखि‍म नही है जैसा कि‍ प्राय: कागजी पॉलि‍सि‍यों के साथ होता है। इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप से पॉलि‍सि‍येां की सुरक्षा सुनि‍श्‍चि‍त होती है और जब कभी उसकी जरूरत होती है तो उस तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। ई-बीमा खाता धारक कि‍सी समय पॉलि‍सी की प्रति‍ को डाउनलोड कर सकता है।

सुवि‍धा: एकल ई-बीमा खाते में सभी बीमा पॉलि‍सि‍यों को इलैक्‍ट्रॉनि‍क रूप से रखा जा सकता है चाहे वह जीवन, पेंशन, स्‍वास्‍थ्‍य या साधारण बीमा पॉलि‍सी है। इसका मतलब सभी पॉलि‍सि‍यों का पूरा वि‍वरण एक ही खाते में (स्‍थान) उपलब्‍ध होगा। कि‍सी की पॉलि‍सी का वि‍वरण कि‍सी भी वक्‍त बीमा रि‍पाजि‍टरी के ऑनलाईन पोर्टल पर लॉगिंग ऑन करके प्राप्‍त कि‍या जा सकता है।

एकल सेवा केंद्र: बीमा रि‍पाजि‍टरी के कि‍सी भी सेवा केंद्रों पर ई-बीमा खाता या कि‍सी भी प्रकार की इलैक्‍ट्रॉनि‍क पॉलि‍सी के संबंध में सेवाओं का आग्रह कि‍या जा सकता है। एक ही आग्रह कई बार अनेक बीमाकर्ताओं की जरूरत को पूरा कर सकता है। उदाहरण के तौर पर बीमा रि‍पोजि‍टरी को एक मात्र पते के बदलाव में आग्रह से बहु बीमाकर्ताओं द्वारा जारी पॉलि‍सि‍यों में अपने आप बदलाव हो जायेगा। इस सेवा के लि‍ए अलग-अलग बीमाकर्ताओं के अनेक कार्यालयों में जाने की जरूरत नहीं होगी।

कम कागजी काम और समय की बचत एक ई-बीमा खाता धारक को नई पॉलि‍सी लेने के वक्‍त के भरे जाने वाले वि‍वरण की परेशानी से मुक्‍त करेगा। इसके अलावा पता या सम्‍पर्क नश्‍वर जैसे व्‍यक्‍ति‍गत वि‍वरण में कि‍सी प्रकार के परि‍वर्तन के लि‍ए एक ही आग्रह में प्रभावि‍त हो सकता है। इससे कागज और समय की बचत होगी।

खाते का वि‍वरण: कम से कम साल में एक बार बीमा रि‍पोजि‍टरी ई-बीमा खाता धारक को उसकी पॉलि‍सि‍यों का पूर्ण वि‍वरण भेजेगा।

भुगतान का वि‍कल्‍प : सभी पॉलि‍सि‍यों के प्रीमि‍यम का भुगतान ऑनलाईन कि‍या जा सकेगा और ई-बीमा खाता से अनेक सेवाओं के आग्रह को लागू कि‍या जा सकता है।

सेवा केंद्रों की संख्‍या में वृद्धि‍: इंश्‍योरेंस नि‍धि‍/कोष इंश्‍योरेंस में योगदान के रूप में कार्य करता है अत: अपनी सेवा-आवश्‍यकताएं पूरी कि‍ए जाने के कारण पॉलि‍सी धारकों के सेवा केंद्रों की संख्‍या बढ़ जाएगी।

सहज भुगतान स्‍थानांतरण- कम्‍प्‍यूटर के माध्‍यम से पॉलिसी के नीतिगत लाभ सीधे नीतिधारक के पंजीकृत बैंक अकाउंट में भेज दिए जाएंगे ताकि कम समय में सहुलियत के साथ कार्यवाही हो सके।

एक बार देखने का प्रावधान- किसी नीतिधारक की मृत्‍यु हो जाने पर किसी एक जिम्‍मेदार व्‍यक्ति को सभी नीतियों को एक बार देखने की सुविधा दी जाती है।

21. ई-बीमा अकाउंट में कौन से विवरण देखे जा सकेंगे?

ई-बीमा अकाउंट में सभी पॉलिसियों को देखा जा सकेगा। प्रत्‍येक पॉलिसी से सम्‍बन्धित जानकारी जैसे कि पॉलिसी कब से शुरू की गई, कब तक चलेगी, नीतिधारक के बाद उस धनराशि पर किसका अधिकार होगा, नीतिधारक का पूरा पता, नीति की सभी शर्तों सहित उपलब्‍ध होंगी। साथ ही ई-बीमा नीतिधारक नीति के बांड की प्रति कम्‍प्‍यूटर से निकाल सकता है।

22. ई-बीमा में कुछ बदलाव करने के नियम क्‍या हैं? किसी बदलाव का अनुरोध बीमा कम्‍पनी से करना चाहिए या इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी से?

ई-बीमा सम्‍बन्‍धी सभी तरह की कार्यवाही के लिए इंश्‍योरेंस रिपॉजिटरी से ही अनुरोध करना होगा। नीतिधारक के विवरण में इंश्‍योरेंस रिपोजेटरी ही फेरबदल करने का अधिकार रखता है।

23. अधिकृत प्रतिनिधि कौन है तथा उसकी भूमिका क्‍या है?

एक अधिकृत प्रतिनिधि ई-बीमा नीतिधारक द्वारा चयनित ऐसा व्‍यक्ति है जो कि उपभोक्‍ता की मृत्‍यु हो जाने पर या फिर उसके किसी कारणवश अयोग्‍य हो जाने की स्थिति में अकाउंट को चलाने का अधिकार रखता हो। यह अधिकृत प्रतिनिधि नीतिधारक की मृत्‍यु या अयोग्‍य हो जाने की सूचना इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी को प्रमाण सहित देता है।

अधिकृत प्रतिनिधि ई-बीमा अकाउंट को चलाने का अधिकार नहीं रखता, केवल नीतिधारक की मृत्‍यु हो तो ही अकाउंट को संचालित कर सकता है। नीति से मिलने वाली धनराशि भी उसे तभी मिल सकती है जब कि नीतिधारक ने उसे 'नॉमिनी' या 'असाइनी' के रूप में निर्धारित किया हो।

24. क्‍या एक अधिकृत प्रतिनिधि को बदला जा सकता है?

हां, इंश्‍योरेंस रिपॉजिटरी से अनुरोध करके अधिकृत प्रतिनिधि को बदला जा सकता है।

25. क्‍या एक ही व्‍यक्ति नॉमिनी और अधिकृत प्रतिनिधि हो सकता है?

हां, एक ही व्‍यक्ति नॉमिनी और अधिकृत प्रतिनिधि हो सकता है।

26. इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी के पास समस्‍या निवारण की क्‍या व्‍यवस्‍था है?

प्रत्‍येक इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी के पास नीतिधारक की समस्‍या-निवारण इकाई उपलब्‍ध है जो‍ कि ई-बीमा नीतियों से सम्‍बन्धित समस्याओं का निवारण करती है।

27. ई-बीमा नीतिधारक को कौन-सी सूचनाएं पत्र द्वारा मिलनी चाहिए?

  • एक स्‍वागत किट जिसमें ई-बीमा नीतिधारक के अकाउंट का विवरण हो, लॉग इन आईडी हो और उसे चलाने के तरीके का विवरण हो
  • पासवर्ड सहित पिन नम्‍बर हो
  • अकाउंट का विस्‍तृत विवरण- जब भी अतिरिक्‍त बीमा के लिए धनराशि जमा की गई हो; समय पर अगर निर्धारित धनराशि जमा न की गई हो इस तरह का विस्‍तृत विवरण
  • नई बीमा पॉलिसी लेते समय नीतिधारक पूरे विवरण दिए गए पते पर भेजेगा।

28. क्‍या एक इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी को बदलकर दूसरे इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी का चयन किया जा सकता है?

नीतिधारक एक इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी को बदलकर दूसरे इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी का चयन कर सकता हे। नए इंश्‍योरेंस को नीतिधारक के अकाउंट के सारे विवरण दे दिए जाएंगे।

29. क्‍या इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी व्‍यवस्‍था से निकला जा सकता है?

हां, नीतिधारक के अनुरोध पर उचित कार्यवाही करने के उपरान्‍त बीमा का दस्‍तावेज़ उसे उपलब्‍ध कराया जाता है।

30. अधिकृत व्‍यक्ति ई-बीमा अकाउंट को कैसे संभालेगा?

ई-बीमा नीतिधारक की मृत्‍यु के बाद, बीमा की धनराशि के उपयुक्‍त निपटारे के उपरान्‍त अधिकृत प्रतिनिधि इंश्‍योरेंस रिपोजिटरी से वह ई-बीमा अकाउंट का खाता बन्‍द करने का अनुरोध करता है।

Courtesy : PIB